इस छोटे से प्रयास
से
आप सफलता की ऊंचाई
पर पहुंच जाएंगे.
(सुधांशु जी महाराज)
इस कारण बहुत सी शक्तियां सोई हुई रह जाती हैं। अपनी शक्तियों के उच्चस्तरीय प्रयोग के लिए और मानव चोले को गरिमा प्रदान करने हेतु हमें अपने महान पुरुषों के जीवन चरित्रों का अनुकरण करना चाहिए। मानवीय शक्तियों के अलग-अलग रुप होते हैं, किसी व्यक्ति के साहस ने उसे एवरेस्ट की चोटी तक पहुंचा दिया।
किसी व्यक्ति ने अपनी आन्तरिक शक्ति को पहचाना तो देश की आजादी के लिए अपने से लाख गुना बड़ी शक्ति से उलझ गया। आजादी से पहले के अखबारों में एक कार्टून छपता था, एक छोटी सी चिड़िया अपनी चोंच से एक बड़ा सा पहाड़ उठाने की कोशिश करती दिखाई देती थी। चिडि़या पर लिखा होता था-गांधी, तथा पहाड़ पर लिखा होता था-ब्रिटिश सरकार। विचार कीजिए कितने दुर्बल शरीर में कितनी बलिष्ठ आत्मा का निवास होता है।
सुभाष चन्द्र बोस संकल्प के धनी और दूरदृष्टा व्यक्ति थे। जब ब्रिटिश सरकार ने उन्हें कलकत्ता में नजरबन्द कर दिया तो वह पठान का वेश बनाकर अफगानिस्तान पहुंचे और फिर वहीं से जर्मनी। उन्होंने रेडियो से जब उद्घोषण किया कि मेरे हिंदुस्तानी भाईयो! जंजीरें बहुत मोटी हैं, पर उनमें इतनी ताकत नहीं है कि हमें बांध कर रख सकें, आजादी आने वाली है।
तुम्हारा भाई सुभाष बोल रहा है। सभी हिन्दुस्तानी रेडियो सेट खोलकर सुनते थे कि हमारा वीर नेता बोल रहा है। हिन्दुस्तान के बाहर जाकर फौजें खड़ी करके ब्रिटिश सेना के मुकाबले में खड़ा होना कोई साधरण कार्य नहीं था। अपितु महान जीवात्मा की आन्तरिक बलिष्ठता ही तो थी।
मानव देह में कोई न कोई शक्ति अवश्य होती है। यदि उस शक्ति का प्रयोग ठीक प्रकार से करना सीख जाएं तो मनुष्य आसमान की उचाईयां छू सकता है। किन्तु यदि घर-परिवार की समस्याओं को बड़ा करके देखने लगोगे तो तनाव के दायरे में ही कैद हो जाओगे।
निराशा आपको छोटा कर देगी घर का शिकायती वातावरण आपको उबरने नहीं देगा। दुनिया के व्यंग्य आपकी मुस्कुराहट छीन लेंगे, उन्नति रुक जाएगी। नारायण की समस्त शक्तियां नर में ही गुप्त रूप से व्याप्त हैं। बस आवश्यकता है कि उन शक्तियों को स्वयं में ढूंढकर स्वयं को जगाने की। आपका यही छोटा सा प्रयास आपको बहुत बड़ा बना देगा।
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