मनोविज्ञान के सूत्र.

 नोविज्ञा के सूत्र.


किसी पुरुष को किसी की बात से चोट पहुँची हो तो वह उस बात को तो भूल जाता हैं लेकिन उस व्यक्ति को माफ नहीं करता। वहीं महिला, बात से चोट पहुचाने वाले को माफ तो कर देती हैं किंतु बात नहीं भूलती।

 जब मनुष्य अपना लक्ष्य, दूसरे को बता देता हैं, तब उसके (बताने वाले) सफल होने की संभावना कम हो जाती हैं। ऐसा इसलिये होता हैं क्योकि वह प्रेरणा खो देता हैं यानी "मोटिवेशन लूज" कर देता हैं।

यदि आप अपनी भावनाओं को छिपा लोगे तो दूसरे व्यक्ति के लिये आपको समझना मुश्किल हो जाता हैं। हालाकि ऐसा करने से आप दूसरे की नजर में अपनी विश्वसनीयता खो सकते हैं।


लोग अपने बारे में अच्छा सुनने पर यकीन कम करते हैं परन्तु बुरा सुनने पर तुरन्त यकीन कर लेते हैं। ऐसा "सर्वाइवल इन्सिटिक्ट" के कारण होता हैं, जो जानवरों में ज्यादा पाई जाती हैं।


किसी के साथ ज्यादा समय बिताने पर आप उसकी आदते अपनाने लगते हैं। इसलिये सोच समझकर दोस्त बनाये।


खुशी का पहला आंसू दाहिनी आंख से तथा दुःख का पहला आंसू बाई आंख से निकलता हैं।


अगर कोई रो नहीं सकता, इसका मतलब वह इंसान भावनात्मक रूप से कमजोर हैं। रोना व्यक्ति को कमजोर नहीं बल्कि भावनात्मक रूप से मजबूत बनाता हैं।

अगर कोई व्यक्ति कम बोलता हैं किन्तु जब बोलता हैं तो तेजी से बोलता हैं; इसका मतलब हैं कि वह गोपनीय व्यक्तित्व वाला इंसान हैं, जो ज्यादातर बाते अपने तक ही रखता हैं।

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