पूजन पश्चात अपराध
और कमी के लिए
क्षमा मन्त्र.
पूजा करते समय कुछ भूल हो ही जाती करती है। उसके लिए नीचे लिखा मंत्र बोलने से भगवान उस गलती को क्षमा कर शुभ फल प्रदान करते हैं।
मंत्र
अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।
दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर(*)।।
गतं पापं गतं दु:खं गतं दारिद्रय मेव च।
आगता: सुख-संपत्ति पुण्योऽहं तव दर्शनात्।।
अर्थ- हे परमेश्वर। मेरे द्वारा रात-दिन हजारों अपराध होते रहते हैं। यह मेरा दास है- ऐसा समझकर मेरे उन अपराधों को आप कृपापूर्वक क्षमा करो। आपके दर्शनों से मेरे पापों और दुखों का नाश हो, दरिद्रता दूर हो और मुझे सुख-संपत्ति प्राप्त हो। ऐसा वरदान दीजिये।
ध्यान रखें ये बातें भी...
प्रत्येक पूजा के अंत में ये मंत्र जरूर बोलना चाहिए, इससे भगवान की कृपा बनी रहेगी। (*)अगर देवी की पूजा कर रहे हैं तो परमेश्वर के स्थान पर “परमेश्वरी” बोलें।
मंत्र जाप या पाठ करने के बाद भी ये मंत्र बोल सकते हैं क्योंकि जाने-अनजाने में हमसे कोई न कोई भूल हो ही जाती है।
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