स्वर्ग प्राप्त करना
बहुत ही सरल है.
लोग समझते हैं कि असत्य का, पाप का रास्ता सरल और सत्य का, धर्म का रास्ता कठिन है, परन्तु असल बात ऐसी नहीं है। नरक के द्वार तक पहुँचने में बहुत कठिनाई है, और स्वर्ग का द्वार सड़क के किनारे है, जहाँ हर कोई बड़ी आसानी के साथ पहुँच सकता है। यह द्वार हर किसी के लिए हर घड़ी खुला रहता है। आप चाहें तो आज ही-अभी ही, उसमें बे रोक टोक प्रवेश कर सकते हैं। अपने अन्तःकरण को टटोलिए, आत्म निरीक्षण कीजिए, आपके अन्दर जो ईश्वरीय दिव्य तेज जगमगा रहा है, उसके दर्शन कीजिए, विवेक के प्रकाश में अपनी सद्भावनाओं और सद्वृत्तियों की सम्पत्ति को तलाश कीजिए, यही आपकी अमर सहचरी है। यह अप्सराएं आपको क्षण भर में स्वर्ग के दरवाजे तक पहुँचा सकती हैं।
(अखंड
ज्योति. 8/1944)
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