पथरी का इलाज.
(एक जानकार के अनुसार उसी के शब्दों में)
परहेज(विशेष).
जिसको भी शरीर मे पथरी है, वो चुना कभी ना खाएं, क्योंकि पथरी होने का मुख्य कारण आपके शरीर मे अधिक मात्रा मे कैलशियम का होना है। जिनके शरीर मे पथरी हुई है।
आयुर्वेदिक इलाज.
पखानबेद नाम का एक पौधा होता है। उसे पथरचट भी कुछ लोग बोलते है। उसके पत्तों को पानी मे उबाल कर काढ़ा बना ले। प्रात:काल और रात्रि में इस काढ़े को लेने से 7 से 15 दिन मे पूरी पथरी खत्म हो जाती हैं। कई बार तो इससे भी जल्दी खत्म हो जाती हैं।
होमियोपेथी इलाज.
होमियोपेथी मे एक दवा है। आपको किसी भी होमियोपेथी के दुकान पर मिलेगी उसका नाम हैं- “BERBERIS VULGARIS”, दवा के आगे लिखा रहता हैं-“MOTHER TINCHER”, यह उसकी पोटेंसी हैं।
ये BERBERIS VULGARIS दवा भी पथरचट नाम के पोधे से बनी है। बस फर्क इतना हैं कि यह dilutions form मे हैं। पथरचट पोधे का botanical name “BERBERIS VULGARIS” ही हैं।
अब इस दवा की 10-15 बूंदों को एक चौथाई (1/ 4) कप गुण गुने पानी मे मिलाकर दिन मे चार बार (सुबह,दोपहर,शाम और रात) लेना है। चार बार अधिक से अधिक और कम से कम तीन बार| इसको लगातार एक से डेढ़ महीने तक लेना है। कभी कभी दो महीने भी लग जाते है।
जितने भी stone है, कही भी हो गोलब्लेडर (gall bladder) मे हो या फिर किडनी मे हो,या युनिद्रा के आसपास हो,या फिर मुत्रपिंड मे हो। वो सभी स्टोन को पिघलाकर निकाल देता हे|
99% केस मे डेढ़ से दो महीने मे ही सब टूट कर निकाल देता हैं। कभी कभी हो सकता हैं, तीन महीने लेना पड़े। दो महिने बाद सोनोग्राफी करवा लीजिए आपको पता चल जायेगा कि कितना टूट गया याने निकल गया है, और कितना रह गया है। अगर रह गया हैं, तो थोड़े दिन और ले लीजिए। यह दवा का साइड इफेक्ट नहीं है।
यह तो हुआ stone टूट के निकल गया। अब दोबारा यह ना बने, उसके लिए एक और होमियोपेथी मे दवा है, “CHINA 1000” । प्रवाही स्वरुप की इस दवा के एक ही दिन सुबह-दोपहर-शाम मे दो-दो बूंद सीधे जीभ पर डाल दीजिए| सिर्फ एक ही दिन मे तीन बार ले लीजिए फिर भविष्य मे कभी भी स्टोन नहीं बनेगा।
उपरोक्त दोनों में से कोई एक इलाज करके पथरी से मुक्त हुआ जा सकता हैं।
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