बाई कारज सभी सवारे. दाहिनी द्रव्य नसावे,
ऊँची छींक होय जयकारी, नीची छींक होए भयकारी,
अपनी छींक महा दुखदाई, ऐसी छींक विचारो भाई...
आज छींक के बारे में कुछ शुभाशुभ संकेत...
उद्देश्य पूर्ण कार्य के लिए घर से निकलते समय यदि कोई दूसरा सामने एक बार छींकता हैं, इसका अर्थ हुआ कार्य तो होगा नहीं किन्तु विवाद का सामना करना पड़ेगा,
यदि छींक अपने दाहिने हाथ की ओर होती हैं, उसका अर्थ हैं, सिर्फ खर्च ही हाथ लगेगा,
पीठ की ओर छींक का होना कुशलता का परिचायक हैं और
बांयी ओर से होने वाली छींक कार्य के पूर्ण होने का संकेत देती हैं|
ध्यान रखिये यहाँ दुसरे की छींक बताई गई हैं|
रोगी को देखते समय स्वयं चिकित्सक छींक दे तो समझिये कि रोगी शीघ्र ही स्वस्थ हो जायेगा|
अगर घर में कोई बीमार हो और उसे दिखाने के लिए डॉक्टर को बुलाने कोई जा रहा हो और उसे खुद को छींक आ जाए तो इसे अशुभ माना जाता है।
औषधि सेवन के पूर्व स्वत: को छींक आ जाये तो वह रोगमुक्त होने का संकेत हैं|
व्यापार प्रारंभ के पूर्व स्वत: को छींक आ जाये तब समझिये कि व्यापार उन्नतिशील होगा|
सैया (शयन) पर जाने से पूर्व छींक होना अशुभ माना जाता है।
कार्य को सम्पन्न करने के लिए जाते समय अगर छींक आ जाये तो समझना चाहिए कि वह कार्य सम्पन्न होने वाला नहीं है। अत: कुछ देर रूकने के बाद ही जाना चाहिए।
अगर गन्तव्य स्थान पर पहुंचते ही या नगर में जाते ही छींक हो तो यह अशुभ होता है, किंतु अगर आपके सामने उस समय तत्काल कोई छींक दे तो वह शुभ होता है।
देवता की पूजा करते समय छींक होना हानिकारक होता है।
शास्त्रानुसार आसन, शयन, भोजन से पूर्व, औषधि सेवन करते समय तथा विद्यारम्भ के समय की छींक शुभकारक होती है।
किसी मेहमान के घर में पहुंचते ही अगर गृह के मालिक को छींक आ जाती है तो वह मेहमान वहां बहुत दिनों तक ठहर सकता है।
तिजोरी में धन रखते समय छींक आ जाये तो समझना चाहिए कि वह धन दीर्घकाल तक सुरक्षित रहेगा।
किसी को उधार देते समय अगर छींक आ जाये तो समझना चाहिए कि वह धन शीघ्र मिलने वाला नहीं है।
छींक के अनेक शुभ-अशुभ फला-फल मिलते हैं। छींक के अशुभ दोषों के निवारण के लिए कुछ देर रूककर ही उस काम को पुन: करना चाहिए जिसके करने से पहले छींक आ गयी थी।
शुभाशुभ का संबंध मात्र एक सामान्य छींक से हैं अतएव एक से अधिक छींक होने पर उसका कोई प्रभाव नहीं होता|
अपने इष्ट (देवता) के नाम का ध्यान कर नमन और निवेदन के लेने से भी छींक का अशुभ फल दूर हो जाता है, ऐसा भी लिखा हैं|
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें