दशरथकृत शनि स्तोत्र हिंदी भावार्थ सहित.



दशरथकृत शनि स्तोत्र हिंदी भावार्थ सहित

भावार्थ :काले रंग के वस्त्र,बैल,दूध देने वाली गाय- बछड़े सहित दान मेंदें। एवं विशेषपूजां च मद्वारेकुरुते नृप !मन्त्रोद्धारविशेषेणस्तोत्रेणऽनेन पूजयेत्।।पूजयित्वा जपेत्स्तोत्रंभूत्वा चैव कृताञ्जलिः।तस्य पीडां न चैवऽहंकरिष्यामि कदाचन्।।रक्षामि सततं तस्य पीडांचान्यग्रहस्य च।अनेनैव प्रकारेण पीडामुक्तंजगद्भवेत्।।भावार्थ :हे राजन ! जो मन्त्रोद्धारपूर्वक इस स्तोत्र से मेरी पूजा करता है, पूजा करके हाथ जोड़कर इस स्तोत्र का पाठ करता है, उसको मैं किसी प्रकारकी पीड़ा नहीं होने दूंगा। इतना ही नहीं,अन्य ग्रहों की पीड़ा से भी मैं उसकीरक्षा करुंगा। इस तरह अनेकों प्रकार से मैं जगत को पीड़ा से मुक्तकरता हूँ।

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