आत्मशक्ति पर
विश्वास रखो.
दूसरों को सुखी देखकर हम परमात्मा के न्याय पर उंगली उठाने लगते हैं। पर यह नहीं देखते कि जिस परिश्रम से उन सुखी लोगों ने अपने काम पूरे किये हैं, क्या वह हमारे अंदर है? ईश्वर किसी के साथ पक्षपात नहीं करता, उसने वह आत्मशक्ति सबको मुक्त हाथों से प्रदान की है, जिसके आधार पर उन्नति की जा सके।
(पं श्रीराम शर्मा आचार्य)
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