बल से अधिक बुध्दी का उपयोग.


बल से अधिक बुध्दी का उपयोग.

बहुत पुरानी बात है। एक राज्य में बहुत बड़ा तलवारबाज रहता था। उसकी प्रतिभा का हर कोई मुरीद था। वो अपनी तलवारबाजी से लोगों को प्रभावित कर देता था। उसके प्रतिभा की चर्चा दूर दूर तक होती थी। ये चर्चाएं राज्य के राजा के कानों तक पहुंची। उन्होंने फैसला किया कि एक बार इस तलवार बाज से मिलेगें और उसका हुनर स्वयं अपनी आखों से देखेंगे। राजा ने जब तलवारबाज को देखा तो वो हवा में कलाबाजियां कर रहा था।

राजा भी उस तलवारबाज के मुरीद हो गए। उन्होंने तलवारबाज की कलाकारी से खुश होकर, उसे राज्य का सेनापति बना दिया। सेनापति ने अपना कर्तव्य बखूबी निभाया और कई लड़ाईंयां लड़ी। उसके सेनापति रहते हुए राजा को कभी हार का सामना नहीं करना पड़ा, लेकिन समय किसका इंतजार करता है। धीरे धीरे सेनापति बूढ़ा होने लगा। एक दिन तलवारबाज को एहसास हुआ कि अब मैं बूढ़ा होने लगा हूं, मुझे अपनी इस कला को दूसरों को भी सिखाना चाहिए, जिससे इस राज्य को एक अच्छा सेनापति मिल सके।

सेनापति ने ये बात राजा को बताई और उन्हे भी ये बात सही लगी।

राजा ने इस बात की घोषणा पूरे राज्य में करवा दी। दूसरे ही दिन सेनापति के पास लोग तलवारबाजी सीखने के लिए आने लगे। ऐसा करते करते समय बीतने लगा। सीखने वाले में से एक युवक ऐसा था, जो बहुत तेजी से तलवारबाजी सीखने लगा।

राजा अपनी नजर उस पर बनाए हुआ था। उसकी कला निखरती जा रही थी। एक दिन वो राजा के पास गया औऱ कहा- राजा जी, मैं सेनापति से भी अच्छी तलवार चलाना सीख गया हूं, इसलिए आप मुझे सेनापति बना दीजिए। राजा ने कहा- तुममें काबिलियत है, इसे साबित करना होगा।

तुमने जिससे ये तलवारबाजी सीखी है, उसे हराना होगा। इसके साथ ही 7 दिन बाद दोनों के मुकाबले की तारीख पक्की कर दी गई। युवक के मन में सवाल उठने लगा कि सेनापति मुझसे जीत ना जाए। इसी डर से उसने सेनापति का पीछा करना शुरु कर दिया।

वह जानना चाहता था कि मेरे गुरु ऐसा क्या काम करते हैं, जिससे वे जीत सकते हैं। इसी से वह रोज पीछा करने लगा।

युवक अपने गुरु का पीछा कर रहा था। उसने देखा कि सेनापति लुहार के पास गया औऱ उन्होंने 15 फीट लंबी म्यान बनवाई।

युवक ने सोचा कि इतनी लंबी तलवार के साथ सेनापति मुझे आसानी से हरा देंगे। उसने चालाकी दिखाते हुए 16 फीट लंबी म्यान बनवा ली। उसने सोचा कि अब मैं आराम से ये प्रतियोगिता जीत जाउंगा। जिस दिन मुकाबला शुरु हुआ, युवक के मन में जीत के ख्याल पल रहे थे,जब उसके गुरु सामने आए, तो उसने देखा कि सेनापति के हाथ में साधारण तलवार हैं।

उसने अपनी 16 फीट लंबी तलवार म्यान से निकालने की कोशिश की, उससे पहले ही सेनापति ने अपनी तलवार उसकी गर्दन पर रख दी। ऐसे में एक ही पल मे सेनापति यह मुकाबला जीत गए। सेनापति ने कहा- मैंने तुमपर मानसिक दबाव बनान के लिए 15 फीट लंबी म्यान बनवाई थी, लेकिन तलवार नहीं बनवाई। सेनापति ने कहा- कभी भी अपनी कला पर घमंड नहीं करना चाहिए।

जब अपनी कला पर घमंड हो जाता है, तब हम ऐसा काम कर देते हैं जिससे हमें पछताना पड़ता है। दूसरी बात हमेशा यह ध्यान में रखना की लड़ाई सिर्फ ताकत से ही नहीं बल्कि दिमाग से लड़ी जाती है। कभी किसी को हराना हो तो बल का प्रयोग के पूर्व बुद्धि का प्रयोग करना चाहिए।

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