ईश्वर से मिलना है, तो इन आठ शब्दों को याद रखें.


ईश्वर से मिलना है,
तो इन आठ शब्दों को याद रखें.
(सुधांशु जी महाराज)

हम सभी इस धरती पर आए हैं उस परमेश्वर का सानिध्य पाने के लिए। इसके लिए कई बार मन में छटपटाहट भी होती है और हम इस दिशा में आगे बढ़ते भी हैं लेकिन हम रास्ते में भटकने लगते हैं और वहीं पहुंच जाते हैं जहां से यात्रा शुरू की थी। अगर अपने मंजिल तक पहुंचने की चाहत है तो आठ शब्दों को याद रखें प्रार्थना, प्रेरणा, प्यास, पराक्रम, पुरुषार्थ, प्रतीक्षा, प्रयास, प्रसाद। इन्हें याद रखेंगे तो उस परम प्यारे से मिलने में देर नहीं लगेगी।

हर मनुष्य को चाहिए कि वह संसार की चाहना नहीं रखे। उस परम के प्रति प्रेम और चाहत रखे। जो ऐसा करता है उसे संसार के पीछे भागना नहीं पड़ता है बल्कि संसार उसके पीछे-पीछे चला आता है। ऐसा व्यक्ति परम धाम की यात्रा आसानी से पूरी कर लेता है।

मैं कहूंगा कि भगवान की कृपा याद करो और सोचो कि आप जिन्दगी-बिताने नहीं आए, जीवन जीने के लिए आए हैं। निर्वाह नहीं करना, जीवन जीना है। बेबसी से जीवन जीने के लिए दुनिया में नहीं आए, बेहतर जीवन जीने के लिए आप आए हैं। इसके लिए अपने को मार्ग निर्देशक से जोड़कर रखें। आपका प्रेरणा स्रोत आपका गुरु है, जब यह भावना आ जाएगी आप आगे बढ़ते जाएंगे।

अपनी शक्तियां पहचानें, सकारात्मक सोच रखें। विश्वास परमात्मा का, सदगुरु का, स्वयं का और बुजुर्गों का आशीर्वाद सब काम करता है। अपने अन्दर की ज्योति का सहारा लो कभी भी हार मानना नहीं, हार मान गए तो हार जाओगे। सफल होना है, जरुर होना है, निराशा-उदासी नहीं आने देना क्योंकि उदासी नकारात्मक रूप है और आशा सकारात्क रूप है।

सबसे बड़ी सकारात्मक शक्ति है आपकी मुस्कुराहट, अपनी मुस्कराहट बनाए रखें। दुःख-समस्या आए घबराए नहीं, मन को शान्त करके समस्या का समधन खोजें। माथा ढीला छोड़ें, चेहरे पर मुस्कान लाएं, लम्बे गहरे श्वास लें, प्रभु का नाम लेकर, प्रणाम करके उससे पूछें क्या करूं? कैसे करूं? तू ही बता। तनाव मुक्त होते जाओ, गाओ- गुनगुनाओ, हंसो मुस्कराओ।




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