भारतीय वाहनों
में अलग-अलग रंग
की नम्बर
प्लेट का इस्तेमाल क्यों
होता है?
1. लाल रंग की नंबर प्लेट (White Colour Number Plate):
इस प्रकार की नंबर प्लेट का इस्तेमाल भारत के राष्ट्रपति और विभिन्न राज्यों के राज्यपालों के लिए किया जाता है. इस प्रकार के वाहनों में लाइसेंस संख्या को "भारत के प्रतीक" (Emblem of India) के द्वारा स्थानांतरित कर दिया जाता है. यहाँ पर यह बात बताना जरूरी है कि प्रधानमंत्री की कार की नंबर प्लेट सफ़ेद रंग की होती है.
2. नीले रंग की नंबर प्लेट (Blue Colour Number Plate) :
नीले रंग की नंबर प्लेट को एक ऐसे वाहन को दिया जाता है, जिसका इस्तेमाल विदेशी प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है. इनकी गाड़ियों पर काले रंग की जगह सफ़ेद रंग से नंबर लिखा जाता है. इनकी प्लेट पर “प्रदेश” के कोड की जगह जिस देश की ये गाड़ियाँ होती हैं, उस देश के कोड को लिखा जाता है. इस प्रकार की प्लेटों का प्रयोग विदेशी दूतावासों या विदेशी राजनयिकों द्वारा किया जाता है.
3. सफ़ेद रंग की नंबर प्लेट (White Colour Number Plate):
यदि किसी सफ़ेद रंग की नंबर प्लेट पर काली स्याही से नंबर लिखा गया है, तो इसका मतलब यह है कि वह गाड़ी एक साधारण नागरिक (common men) की है. सफ़ेद नंबर की प्लेट के लिए यह नियम होता है कि इस वाहन का उपयोग वाणिज्यिक प्रयोजनों (commercial purposes) के लिए नहीं किया जा सकता है. अर्थात इस वाहन से आप सवारियां या माल-भाडा नही ढो सकते हैं. ऐसा करना कानूनन गलत है.
4. पीले रंग की नंबर प्लेट (Yellow Colour Number Plate):
यदि किसी पीले रंग की प्लेट पर काली स्याही से वाहन के नंबर को लिखा जाता है तो ऐसे वाहन को वाणिज्यिक वाहन कहा जाता है. इस प्रकार के रंग का नंबर आपने ट्रक / टैक्सी इत्यादि में देखा होगा. इस प्रकार के वाहन का प्रयोग सवारियां ढोने या माल भाड़ा ढोने के लिए किया जा सकता है (जैसे उबर और ओला केब या ट्रक और बसें). एक वाणिज्यिक वाहन चलाने के लिए ट्रक / टैक्सी ड्राइवर को एक वाणिज्यिक ड्राइविंग लाइसेंस रखना अनिवार्य होता है.
5. काले रंग की नंबर प्लेट (Black Colour Number Plate):
यदि कोई नंबर प्लेट काले रंग की है और उस पर पीले रंग से नंबर लिखा गया है तो इस प्रकार के वाहनों का मालिक एक साधारण व्यक्ति होता है लेकिन इस प्रकार के वाहनों का प्रयोग वाणिज्यिक उद्येश्यों के लिए किया जा सकता है. इस प्रकार का वाहन चलाने के लिए ड्राईवर के पास कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस होना जरूरी नही है.
6. ऊपर की ओर इशारा करते तीर (arrow) के साथ नंबर प्लेट:
किसी भी अन्य लाइसेंसी नंबर प्लेट के विपरीत सैन्य वाहनों के लिए एक अलग तरह की नंबरिंग प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है. इन सैन्य वाहनों के नंबर रक्षा मंत्रालय, नई दिल्ली के द्वारा आवंटित किया जाता है. ऐसे गाड़ी नंबर के पहले या तीसरे अंक के स्थान पर ऊपरी ओर इशारा करते हुए तीर का निशान होता है, जिसे ब्रॉड एरो कहा जाता है एवं ब्रिटिश कॉमनवेल्थ के कई हिस्सों में इसका इस्तेमाल किया जाता है. तीर के बाद के पहले दो अंक उस वर्ष को दिखाते हैं जिसमें सेना ने उस वाहन को खरीदा था. यह नम्बर 11 अंकों का होता है.
इससे स्पष्ट होता कि देश में वाहनों को नंबर प्लेट बांटने की प्रक्रिया कितनी सोची समझी और स्पष्ट है. यही कारण है कि ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारी किसी वाहन की नंबर प्लेट को देखकर ही समझ जाते हैं कि कोई वाहन किस राज्य/जिला और व्यक्ति का हो सकता है. इस नंबर पद्धति का विकास देश के यातायात प्रशासन को ठीक से चलाने के लिए किया गया है.
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