गीत.
मैं
पल दो पल का शायर हूँ.
(साहिर लुधियानवी)
मैं पल-दो-पल का शायर हूँ, पल-दो-पल
मेरी कहानी है ।
पल-दो-पल मेरी हस्ती है, पल-दो-पल मेरी जवानी है ॥
मुझ से पहले कितने शायर, आए और आ कर चले गए,
कुछ आहें भर कर लौट गए, कुछ नग़में गा कर चले गए ।
वे भी एक पल का क़िस्सा थे, मैं भी एक पल का क़िस्सा हूँ,
कल तुम से जुदा हो जाऊंगा, जो आज तुम्हारा हिस्सा हूँ ॥
मैं पल-दो-पल का शायर हूँ, पल-दो-पल मेरी कहानी है ।
पल-दो-पल मेरी हस्ती है, पल-दो-पल मेरी जवानी है ॥
कल और आएंगे नग़मों की, खिलती कलियाँ चुनने वाले,
मुझसे बेहतर कहने वाले, तुमसे बेहतर सुनने वाले ।
कल कोई मुझ को याद करे, क्यों कोई मुझ को याद करे
मसरुफ़ ज़माना मेरे लिए, क्यों वक़्त अपना बरबाद करे ॥
मैं पल-दो-पल का शायर हूँ, पल-दो-पल मेरी कहानी है ।
पल-दो-पल मेरी हस्ती है, पल-दो-पल मेरी जवानी है ॥
मैं हर इक पल का शायर हूँ, हर इक पल मेरी कहानी है
हर इक पल मेरी हस्ती है, हर इक पल मेरी जवानी है
रिश्तों का रूप बदलता है, बुनियादें खत्म नहीं होतीं
ख़्वाबों और उमँगों की, मियादें खत्म नहीं होतीं
इक फूल में तेरा रूप बसा, इक फूल में मेरी जवानी है
इक चेहरा तेरी निशानी है, इक चेहरा मेरी निशानी है
मैं हर इक पल का शायर हूँ हर इक पल मेरी कहानी है ।
हर इक पल मेरी हस्ती है हर इक पल मेरी जवानी है ।।
तुझको मुझको जीवन अम्रित, अब इन हाथों से पीना है
इनकी धड़कन में बसना है, इनकी साँसों में जीना है
तू अपनी अदाएं बक्ष इन्हें, मैं अपनी वफ़ाएं देता हूँ
जो अपने लिए सोचीं थी कभी, वो सारी दुआएं देता हूँ
मैं हर इक पल का शायर हूँ, हर इक पल मेरी कहानी है ।
हर इक पल मेरी हस्ती है, हर इक पल मेरी जवानी है ।।
पल-दो-पल मेरी हस्ती है, पल-दो-पल मेरी जवानी है ॥
मुझ से पहले कितने शायर, आए और आ कर चले गए,
कुछ आहें भर कर लौट गए, कुछ नग़में गा कर चले गए ।
वे भी एक पल का क़िस्सा थे, मैं भी एक पल का क़िस्सा हूँ,
कल तुम से जुदा हो जाऊंगा, जो आज तुम्हारा हिस्सा हूँ ॥
मैं पल-दो-पल का शायर हूँ, पल-दो-पल मेरी कहानी है ।
पल-दो-पल मेरी हस्ती है, पल-दो-पल मेरी जवानी है ॥
कल और आएंगे नग़मों की, खिलती कलियाँ चुनने वाले,
मुझसे बेहतर कहने वाले, तुमसे बेहतर सुनने वाले ।
कल कोई मुझ को याद करे, क्यों कोई मुझ को याद करे
मसरुफ़ ज़माना मेरे लिए, क्यों वक़्त अपना बरबाद करे ॥
मैं पल-दो-पल का शायर हूँ, पल-दो-पल मेरी कहानी है ।
पल-दो-पल मेरी हस्ती है, पल-दो-पल मेरी जवानी है ॥
मैं हर इक पल का शायर हूँ, हर इक पल मेरी कहानी है
हर इक पल मेरी हस्ती है, हर इक पल मेरी जवानी है
रिश्तों का रूप बदलता है, बुनियादें खत्म नहीं होतीं
ख़्वाबों और उमँगों की, मियादें खत्म नहीं होतीं
इक फूल में तेरा रूप बसा, इक फूल में मेरी जवानी है
इक चेहरा तेरी निशानी है, इक चेहरा मेरी निशानी है
मैं हर इक पल का शायर हूँ हर इक पल मेरी कहानी है ।
हर इक पल मेरी हस्ती है हर इक पल मेरी जवानी है ।।
तुझको मुझको जीवन अम्रित, अब इन हाथों से पीना है
इनकी धड़कन में बसना है, इनकी साँसों में जीना है
तू अपनी अदाएं बक्ष इन्हें, मैं अपनी वफ़ाएं देता हूँ
जो अपने लिए सोचीं थी कभी, वो सारी दुआएं देता हूँ
मैं हर इक पल का शायर हूँ, हर इक पल मेरी कहानी है ।
हर इक पल मेरी हस्ती है, हर इक पल मेरी जवानी है ।।
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