पति-पत्नी की लड़ाई का बड़ा कारण आप भी इंकार नहीं कर पाएंगे.


पति-पत्नी की लड़ाई का बड़ा कारण
आप भी इंकार नहीं कर पाएंगे.
(सुधांशु जी महाराज)

कई बार देखने में आता हैं कि किसी-किसी की टेबल पर इतनी फाइलें रखी रहती हैं, व्यक्ति उलझा रहता है। टेंसन में रहता है, काम सिमट नहीं पाता और व्यक्ति खोया-खोया सा रहता है।

ऐसा व्यक्ति जब घर पर आता है और पत्नी पूछती है क्या बात है, बड़े थके हुए लग रहे हो? तो उसे गुस्सा आता है। इसके बाद दोनों एक-दूसरे को कोसना शुरु कर देते हैं जिससे क्लेश हो जाता है।

ऐसे में वह व्यक्ति देर में सोता है, देर से उठता है। इसके बाद दफ्तर समय पर पहुंचने के लिए जल्दी-जल्दी भागता है। जल्दबाजी के चक्कर में रास्ते में किसी से टकरा जाए तो फिर सड़क पर अपनी बांह चढ़ाकर, गुनाह दूसरों पर डालेगा।

इसलिए टाल-मटोल करना, आज के काम को कल पर छोड़ना, परेशानी का ही कारण बनता है यह समझना चाहिए। स्वयं को स्वयं ही समझाइए। किसी को कल्याण की राह दिखाने के लिए ऊपर से अवतार नहीं आएगा। अपने भाग्य विधता अपने आप बनिए, सोचिए, विचारिए और फिर चलिए जीवन की यात्रा पर, शुभ होगी।

अपने समय की कीमत समझिए, अपनी कीमत समझिए, अपने कर्म की कीमत समझिए, अपने धर्म की कीमत समझिए। क्योंकि कोई भी नासमझी में किया गया कार्य, उठाया गया कदम, लिया गया निर्णय गलत ही होता है। उसके परिणाम सुखद नहीं होते।

अपनी लापरवाही को, अपने आलस्य को और अपने जिद्द को, अहंकार को दूर करिए। इनसे इंसान कमजोर होता है, इसलिए शक्ति सम्पन्न बनने की कोशिश कीजिए। अपना बुद्घि बल, अपना शारीरिक बल, पारिवारिक बल बढ़ाइए, अपना धन बल, अपना जन बल बढ़ाइए, लगातार बढ़ाइए।

क्योंकि कमजोर को सब लोग दबाते हैं, सब लोग डराते हैं, सब लोग उसका मजाक उड़ाते हैं। जीवन में कमजोर बनकर नहीं जीना, कमजोर बनकर नहीं रहना, बहादुर बनकर, निडर बनकर कर्म करना है, यह तय कर लीजिए।

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