दुनिया के सात आश्चर्य.
गाँव के स्कूल में पढने वाली छुटकी आज बहुत खुश थी, उसका दाखिला शहर के एक अच्छे स्कूल की क्लास 6 में हो गया था।
आज स्कूल का पहला दिन था और वह समय से पहले ही तैयार हो कर बस का इंतज़ार कर रही थी। बस आई और छुटकी बड़े उत्साह के साथ उसमे सवार हो गयी।
करीब 1 घंटे बाद जब बस स्कूल पहुंची तो सारे बच्चे उतर कर अपनी-अपनी क्लास में जाने लगे, छुटकी भी बच्चों से पूछते हुए अपनी क्लास में पहुंची।
क्लास के बच्चे गाँव से आई इस लडकी को देखकर उसका मजाक उड़ाने लगे।
“साइलेंस!”, टीचर बोली, “ चुप हो जाइए आप सब…”
“ये छुटकी है, और आज से ये आपके साथ ही पढेगी।”
उसके बाद टीचर ने बच्चों को सरप्राइज टेस्ट के लिए तैयार होने को कह दिया।
“चलिए, अपनी-अपनी कॉपी निकालिए और जल्दी से “दुनिया के 7 आश्चर्य लिख डालिए।”, टीचर ने निर्देश दिया।
सभी बच्चे जल्दी जल्दी उत्तर लिखने लगे, छुटकी भी धीरे-धीरे अपना उत्तर लिखने लगी।
जब सबने अपनी कॉपी जमा कर दी तब टीचर ने छुटकी से पूछा, “क्या हुआ बेटा, आपको जितना पता है, उतना ही लिखिए, इन बच्चों को तो मैंने कुछ दिन पहले ही दुनिया के सात आश्चर्य बताये थे।”
“जी, मैं तो सोच रही थी कि इतनी सारी चीजें हैं…इनमे से कौन सी सात चीजें लिखूं….”, छुटकी टीचर को अपनी कॉपी थमाते हुए बोली।
टीचर ने सबकी कापियां जोर-जोर से पढनी शुरू कीं..ज्यादातर बच्चों ने अपने उत्तर सही दिए थे…
1. ताजमहल.
2. चीचेन इट्ज़ा.
3. क्राइस्ट द रिडीमर की प्रतिमा.
4. कोलोसियम.
5. चीन की विशाल दीवार.
6. माचू पिच्चू.
7. पेत्रा.
टीचर खुश थीं कि बच्चों को उनका पढ़ाया याद था। बच्चे भी काफी उत्साहित थे और एक दुसरे को बधाई दे रहे थे…
अंत में टीचर ने छुटकी की कॉपी उठायी, और उसका उत्तर भी सबके सामने पढना शुरू किया….
दुनिया के 7 आश्चर्य हैं:-
1. देख पाना.
2. सुन पाना.
3. किसी चीज को महसूस कर पाना.
4. हँस पाना.
5. प्रेम कर पाना.
6. सोच पाना.
7. दया कर पाना.
छुटकी के उत्तर सुन पूरी क्लास में सन्नाटा छा गया। टीचर भी आवाक खड़ी थी….आज गाँव से आई एक बच्ची ने उन सभी को भगवान् के दिए उन अनमोल उपहारों का आभाष करा दिया था, जिसकी ओर उन्होंने कभी ध्यान ही नहीं दिया था!
सचमुच, गहराई से सोचा जाए तो हमारी ये देखने…सुनने…सोचने…समझने… जैसी शक्तियां किसी आश्चर्य से कम नहीं हैं, ऐसे में ये सोच कर दुखी होने के स्थान पर कि हमारे पास क्या नहीं है, हमें ईश्वर के दिए इन अनमोल उपहारों के लिए आभार प्रकट करना चाहिए और जीवन की छोटी-छोटी बातों में छिपी खुशियों को नहीं भूलना चाहिए।
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