बैशाख-पूर्णिमा.
(30,अप्रेल, 2018)
चन्द्रमा इस तिथि के स्वामी होते हैं, अतः इस दिन हर प्रकार की मानसिक समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है. इस दिन स्नान, दान और ध्यान विशेष फलदायी होता है. इस दिन सत्यनारायण देव या शिवजी की उपासना अवश्य करनी चाहिए.
1. इस दिन को दैवीयता का दिन माना जाता है. 2. इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म भी हुआ था. 3.. इस दिन ध्यान, दान और स्नान विशेष लाभकारी होता है. 4. .इस दिन ब्रह्म देव ने काले और सफेद तिलों का निर्माण भी किया था. अतः इस दिन तिलों का प्रयोग जरूर करना चाहिए.
इस बार की पूर्णिमा, चन्द्रमा के साथ विशाखा नक्षत्र की स्थिति होगी. बृहस्पति चंद्र का अद्भुत योग भी होगा. स्वास्थ्य और जीवन का कारक सूर्य अपनी उच्च राशि में होगा. इसके अतिरिक्त सुख को बढ़ाने वाला ग्रह शुक्र भी स्वगृही होगा.
इस पूर्णिमा को स्नान और दान करने से चन्द्रमा की पीड़ा से मुक्ति मिलेगी. साथ ही साथ आर्थिक स्थिति भी अच्छी होती जाएगी.
ग्रहों के शुभत्व की प्राप्ति के लिए...
1.प्रातः काल स्नान के पूर्व संकल्प लें. 2. पहले जल को सर पर लगाकर प्रणाम करें. 3.फिर स्नान करना आरम्भ करें. 4.स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य दें. 5.साफ वस्त्र या सफेद वस्त्र धारण करें, फिर मंत्र जाप करें. 6.मंत्र जाप के पश्चात सफेद वस्तुओं और जल का दान करें. 7.चाहें तो इस दिन जल और फल ग्रहण करके उपवास भी रख सकते हैं.
भगवान बुद्ध और पूर्णिमा का संयोग.
वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था. इसी दिन भगवान बुद्ध को ज्ञान भी मिला था और इसी दिन भगवान बुद्ध ने अपनी देह का त्याग भी किया था.
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