ऐसे लोगो के यहाँ भोजन निषिध्द हैं.

ऐसे लोगो के यहाँ
भो निषिध्द हैं.

धर्मिक-ग्रंथों के अनुसार जीवन में कभी भी इन पांच लोगों के घर भोजन नहीं करना चाहिए, नहीं तो न केवल जातक पाप का भागी बनता है बल्कि उसे जीवन में कष्टों का सामना भी करना पड़ता है।

1. जो स्त्री स्वेच्छा से पूरी तरह अधार्मिक आचरण करती हो और चरित्रहीन हो या व्याभिचारिणी हो। गरुड़ पुराण में लिखा है कि जो व्यक्ति ऐसी स्त्री के यहां भोजन करता है, वह भी उसके पापों का फल प्राप्त करता है।

2. न्यायालय में जिसका अपराध सिद्ध हो जाए, तो उसके घर का भोजन नहीं करना चाहिए। गरुड़ पुराण के अनुसार चोर के यहां का भोजन करने पर उसके पापों का प्रभाव जीवन पर हो सकता है।


3. किन्नरों को दान देने का विशेष विधान बताया गया है। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि इन्हें दान देना चाहिए, लेकिन इनके यहां भोजन नहीं करना चाहिए। ऐसा होने पर अगले जन्म़ तक कष्ट मिलता हैं।

4. नशे के कारण कई लोगों के घर बर्बाद हो जाते हैं। इसका दोष नशा बेचने वालों को भी लगता है। ऐसे लोगों के यहां भोजन करने पर उनके पाप का प्रभाव हमारे जीवन पर भी होता है। ऐसे में इन लोगों के घर भोजन करने से बचना चाहिए।

5. जो लोग दूसरों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए अनुचित रूप से अत्यधिक ब्याज प्राप्त करते हैं।, गरुड़ पुराण के अनुसार उनके घर पर भी भोजन नहीं करना चाहिए।

महाभारत में भीष्म पितामह ने अंत समय में यह स्वीकार किया था कि दुर्योधन के दूषित अन्न को घन करने के कारण उनकी बुध्दी भ्रष्ट हो गई थी, इसीलिए वे दुर्योधन की गलत नीतियों का विरोध नहीं कर पायें। ऐसा विचार बिलकुल त्याग दीजिये कि “पेट भरे से काम-गकडियां काहूँ की और दन्त घिसे से काम-लकड़ियाँ काहूँ की।“ दूषित अन्न का प्रभाव उसी प्रकार होता हैं, जैसा फ़ूड-पोइजन का होता। अंतर केवल इतना हैं कि फ़ूड-पोइजन का प्रभाव तत्काल परिलक्षित होता हैं किन्तु दूषित अन्न का प्रभाव विवेक बुध्दी पर होने से स्वत: को परिलक्षित नहीं होता।

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