लक्ष्य के क्रियान्वयन में उत्साह समाप्त क्यों हो जाता हैं? (मनोविज्ञान)


लक्ष्य के क्रियान्वयन में
उत्साह समाप्त क्यों हो जाता हैं?
(मनोविज्ञान)

लक्ष्य तय करने के पश्चात जब उसे कार्यान्वित करने का अवसर आता हैं तब उत्साह ठंडा हो जाता हैं। कुछ करने का मन नहीं होता, इच्छा समाप्त हो जाती हैं। ऐसा इसलिए होता हैं कि हम अपने लक्ष्य या योजना की चर्चा आपस में सभी से करते रहते हैं और इतनी चर्चा कर लेते हैं कि लक्ष्य या योजना की पूर्णता का अहसास दिमाग को होने लगता हैं। यहीं कारण हैं, क्रियान्वयन में उत्साह के समाप्त हो जाने का। मनोविज्ञान के साथ साथ यह बात शोध से भी सामने आई हैं। उत्साह समाप्त न हो, उमंग और क्षमता बनी रहे, इसके लिए उपाय सुझाया गया हैं कि अपने लक्ष्य या योजना की चर्चा दूसरों के साथ कदापि न करे, उसे गोपनीय रखे। अपने आप में चिंतन और मनन किया जा सकता हैं।

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