पानी कैसे कब और कितना पीना चाहिए.


पानी कैसे कब और 
कितना पीना चाहिए.

पानी हमारे शरीर के वजन का दो तिहाई भाग होता है। हमारे शरीर से लगभग 2.5 लीटर पानी रोजाना निकलता है। जिसमे से 1.5 लीटर पानी किडनी से , आधा लीटर पानी स्किन से , 300 ml पानी फेफड़ों से व 200 ml पानी आँतों से निकलता है। । ये मात्रा गतिविधि, तापमान, नमी, या दूसरे कारणों से कम या अधिक हो सकती है। इसलिए कम से कम इस मात्रा की पूर्ति हो जाए, इतना पानी पीना बहुत आवश्यक है।
इस हिसाब से 2-3 लीटर पानी रोज पीना चाहिए यानि कम से कम आठ गिलास पानी।

सादा पानी के अलावा पानी की कुछ मात्रा भोजन से भी प्राप्त होती है। कुछ मात्रा शरबत, फलों का जूस, दूध आदि से भी पानी मिलता है।

इसके अलावा चाय, कॉफी, बियर से भी हालाँकि कुछ लोग मानते है कि इनसे यूरिन ज्यादा आता है। फिर भी ये पानी के स्रोत तो है ही।

विशेषज्ञ मानते है कि थोड़े भी पानी की कमी से दिमाग की गतिविधी पर प्रभाव हो सकता है। व्यायाम और गर्मी से काफी मात्रा में पानी शरीर से कम हो जाता है, ऐसे में ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। पानी के निकास से हुई कमी की पूर्ति अवश्य की जानी चाहिए। 


पानी कैसे पियें.

पानी धीरे-धीरे घूँट-घूँट करके पीना चाहिए ताकि वह शरीर के तापमान के अनुसार हो जाये। पानी हमेशा गिलास पर होंठ लगाकर घूँट -घूँट करके पीना चाहिए। इसके विपरीत लोग गर्दन ऊँची करके ऊपर से पानी डालकर पीते है, जो गलत है क्योंकि ऊपर से पानी पीने से पूरे फ़ूड पाइप में वायु बनती है और इससे वायु दोष उत्पन्न होता है। इसकी वजह से अपच (कब्ज), एसिडिटी, खट्टी डकार, जोड़ों में दर्द, घुटनों में दर्द आदि की परेशानी होने लगती है।

कुछ लोग दो तीन घंटे तक पानी नहीं पीते और फिर एक साथ बहुत सारा पानी पीते हैं। यह स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है। इसका किडनी और हृदय पर विपरीत असर होता है। पानी हर एक घंटे से एक – एक गिलास करके पीना चाहिये।

पानी कब पियें.

जब भी प्यास लगे तब पानी अवश्य पियें, टालें नहीं। प्यास बताती है कि शरीर को पानी की जरुरत है।

खाना खाने से आधा घंटे पहले और खाना खाने के एक घंटे बाद ही पानी पीना चाहिए।

भोजन से आधा घंटा पहले दो गिलास पानी पीने से पेट जल्दी भरेगा। खाना कम खाने में आएगा और वजन कम होगा।

खाना खाने से तुरंत पहले पानी पीने से पाचन शक्ति कमजोर होती है।

खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीने से शरीर फूलता है, मोटापा चढ़ता है और कब्ज की शिकायत हो जाती है।

यदि हाई ब्लड प्रेशर हो, लू लगी हो, बुखार, कब्ज , पेट में जलन ,पेशाब में जलन या यूरिन इन्फेक्शन आदि तरह की समस्या हो तो अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए।

उल्टी या दस्त आदि के समय पानी की कमी ना हो, इसके लिए पानी थोड़ा -थोड़ा करके लगातार नमक शक्कर के साथ पीना चाहिए।

अधिक पानी पीने से गुर्दे में पथरी आदि की समस्या की सम्भावना कम हो जाती है।

नवप्रसूता (नवजात शिशु की माँ) को बहुत अधिक पानी नहीं पीना चाहिए लेकिन तरल की शरीर में कमी नहीं होनी चाहिये। इसके लिए गुनगुना दूध आदि तरल पदार्थ ज्यादा लेने चाहिए। फ्रिज का ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। सवा महीना होने के बाद धीरे धीरे ठंडा पानी पीना शुरू कर सकते है। शिशु को दूध की कमी न हो इतना पानी और तरल पदार्थ जरूर पीने चाहिए।

वैसे तो शरीर में पानी की कमी का पता प्यास लगने से चल जाता है। लेकिन अधिक उम्र के लोगो में ये प्यास लगने का तंत्र कमजोर हो जाता है। अतः अधिक उम्र में पानी पीने का पूरा ध्यान रखना चाहिए और बिना प्यास के भी पानी पीते रहना चाहिए। 


पानी कब नहीं पिएँ.

गर्म चाय या कॉफी आदि के तुरन्त बाद पानी नहीं पीना चाहिए।

खीरा , खरबूजा या ककड़ी खाने के बाद पानी ना पिएँ।

सम्भोग के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए। दूध पीना अच्छा है।

धूप में से आकर तुरंत पानी नहीं पिएँ। शरीर का तापमान कम हो जाए फिर पिएँ।

भुट्टे मक्का खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए।

बहुत गर्म खाने के बाद ठंडा पानी और बहुत ठंडा खाने के बाद गर्म पानी न लें।

खाना खाने के तुरंत बाद अधिक पानी ना पिएँ। एक दो घूंट ले सकते है। 



पानी से घरेलु उपचार. 
आंखों के लिए. 

भोजन के बाद हाथों को पानी से धोकर गीले हाथ आपस में रगड़ कर आंखों पर लगाएँ। थोड़ा सा पानी पलकों पर लगना चाहिये। ये करने के बाद ही हाथ पोंछें। सुबह शाम रोजाना इसे करने से आंखें स्वस्थ और निरोगी रहती है। 


गले में खराश.

एक गिलास गुनगुने पानी में थोड़ा सा नमक और एक चुटकी हल्दी मिलाकर गरारे करने से गले की खराश में आराम मिलता है। दिन में तीन चार बार करने चाहिये। इससे टॉन्सिल के कारण निगलने में परेशानी हो तो वो भी मिटती है।


नकसीर.

नाक से नकसीर आ रही हो तो ठंडे पानी की धार सिर पर लगातार डालने से नकसीर बंद हो जाती है। 


स्वप्न दोष.


ठंडे पानी से नहाने से या ठंडे पानी के टब में बैठ कर नहाने से स्वप्न दोष ठीक होता है। विशेष कर शाम के समय ये स्नान ले। इसके साथ कामुक विचार भी त्यागें। 


बैचेनी और तनाव.

ठंडे पानी से नहाने से शरीर और मन तरोताजा हो जाता है। शाम को ठंडे पानी से नहाने से दिन भर का टेंशन और थकान दूर होकर एक सुखद अहसास होता है। भूख खुलती है। बाहर की तेज गर्मी में होकर आए हो तो तुरंत ठंडे पानी से नहीं नहाना चाहिए। 


मसूड़े व दाँत.

गुनगुने पानी में नमक मिलाकर कुल्ला करने से दाँत और मसूड़े स्वस्थ रहते है। 


दस्त.

आधा कप उबलते पानी में एक चम्मच अदरक का रस मिलाकर हर घंटे पीने से बार बार पतले दस्त होना बंद होता है। 


दमा.

दमा या अस्थमा का दौरा पड़ रहा हो तो हाथ और पैर दस पंद्रह मिनट गर्म पानी में डुबो कर रखने से आराम मिलता है। 


मोटापा.

सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में दो चम्मच नींबू का रस और दो चम्मच शहद मिलाकर रोज पीने से मोटापा घटाने में मदद मिलती है। 


बुखार

102 डिग्री से ज्यादा बुखार होने पर ठंडे पानी में भीगा कपड़ा सिर पर रखने से बुखार कम हो जाता है। दो दो मिनट से कपड़े को वापिस भिगोना चाहिए।


गर्म पानी पीने के फायदे.

सुबह खाली पेट एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच नीम्बू का रस मिलाकर पीने से जुकाम , खांसी, कब्ज, सिरदर्द, बदहजमी आदि में आराम मिलता है। भोजन के बाद एक गिलास गर्म पानी पीने से गैस, कब्ज, एमोबायेसिस, पसली का दर्द, गले में टॉन्सिल जैसी प्रॉब्लम, संग्रहणी, हिचकी आदि ठीक हो जाते है।

मोटे व्यक्तियों को, जॉइंट्स में दर्द व सूजन और गठिया से पीड़ित लोगों को गर्म पानी जरुर पीना चाहिए। गर्म पानी पीने से लीवर को ताकत मिलती है। पेट के कीड़े, पेट में सूजन, पेचिश आदि में भी गर्म पानी फायदा करता है।

आजकल ऐसी स्टील की बोतल मिलने लगी है जिनमे पानी 24 घंटे तक गर्म या ठंडा रह सकता है।

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