तांबे के बर्तन वाला पानी
पीने के फायदे.
ताम्बे के बर्तन में 4 -5 घंटे पानी भर कर रखने से ताम्बे का असर पानी में आ जाता है। कॉपर शरीर के लिए जरुरी खनिज होता है। ताम्बे के बर्तन में रखा पानी पीने से शरीर को कॉपर की पूर्ती हो सकती है। यह पीना शारीरिक रूप से लाभदायक होता है। शरीर खुद कॉपर नहीं बना सकता है, इसे खाने पीने की चीजों से प्राप्त करना पड़ता है। तांबा में पानी को प्राकृतिक रूप से शुद्ध करने का गुण होता है।
इसमें एंटी माइक्रोबाइल, एंटी कार्सिनोजेनिक और एंटी इन्फ्लेमेशन गुण पाए जाते हैं।
पानी में मौजूद कई प्रकार की हानिकारक चीजें जैसे बैक्टीरिया, माइक्रो ऑर्गनिज्म, फंगस आदि के नुकसान से बचाकर उसे पीने लायक बना सकता है।
आयुर्वेद के अनुसार सुबह खाली पेट ताम्बे का पानी पीने से तीनो प्रकार के दोष - कफ, पित्त और वात का शमन होता है। यह शरीर में होने वाली कई प्रकार की क्रियाओं में सहायक होता है।
पेट और पाचन के लिए अच्छा.
तांबे में पेट को नर्म रखने का गुण होता है, अतः आमाशय का इन्फेशन, अल्सर और पाचन की परेशानी होने पर इससे आराम मिलता है। यह लिवर और किडनी को ताकत देकर विषैले तत्वों को बाहर निकालने में सहायक होता है। इसके अलावा यह पोषक तत्वों के अवशोषण में भी सहायक होता है।
चोट आदि जल्दी ठीक होना.
कॉपर में पाए जाने वाले गुण के कारण यह घाव जल्दी भरने में सहायक होता है, साथ ही यह प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और नए सेल बनने में सहायक होता है। पेट में अल्सर आदि हो तो उनमे भी इससे आराम आता है।
उम्र का असर.
ताम्बे में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट गुण के कारण यह फ्री रेडिकल से होने वाले नुकसान से बचाव करता है। इससे चेहरे पर जल्दी झुर्रियां नहीं आती और उम्र के कारण होने वाले बदलाव को यह धीमा कर देता है।
ब्लड प्रेशर और हृदय रोग.
कॉपर में ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने के गुण पाए जाते हैं ,यह हृदय की धड़कन सुचारु रखने तथा कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद करता है। इससे हृदय रोग होने की संभावना से बचाव होता है।
कैंसर का खतरा कम.
ताम्बे में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट गुण कारण यह फ्री रेडिकल के नुकसान से बचा कर कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचाता है। फ्री रेडिकल के कारण कैंसर जैसी बीमारी होने का खतरा होता है।
इ. कोली बैक्टीरिया से बचाव.
इ.कोली बैक्टीरिया के कारण दस्त, पेट-दर्द, बुखार, उल्टी आदि हो सकते हैं। इसके अलावा कुछ इ.कोली बैक्टीरिया यूरिन इन्फेक्शन UTI, फेफड़ों के संक्रमण, न्यूमोनिया आदि का कारण भी बन सकते हैं। ताम्बे के बर्तन में पानी भर कर रखने से पानी में मौजूद इ.कोली बैक्टीरिया मर जाते है। इससे कई प्रकार की शारीरिक तकलीफ से बचाव होता है।
थायरॉइड की परेशानी.
थायरॉइड की परेशानी सामान्य रूप से जिन लोगों को होती है उनमें कॉपर की मात्रा कम पाई जाती है। थाइरॉइड हार्मोन अधिक मात्रा में बनता हो या कम मात्रा में, दोनों ही स्थिति वाले लोगों में कॉपर की कमी पाई जाती है। अतः कॉपर का पानी इस परेशानी से बचाव कर सकता है।
गठिया और जॉइंट्स में सूजन.
तांबे में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इस गुण के कारण गठिया या अर्थराइटिस के कारण जोड़ों में सूजन व दर्द आदि में आराम मिलता है। इसके अतिरिक्त कॉपर में इम्यून सिस्टम को ताकत देने का गुण होता है जिसके कारण भी अर्थराइटिस जैसी परेशानी में आराम मिलता है।
त्वचा के लिए फायदेमंद.
ताम्बे का, शरीर में मेलेनिन नामक तत्व के बनने में महत्वपूर्ण योगदान होता है। मेलेनिन के कारण त्वचा, आँख और बालों का धूप की हानिकारक किरणों से बचाव होता है। यह त्वचा के कैंसर जैसी गंभीर समस्या से बचाव करता है। कॉपर नये सेल्स बनने में भी मददगार होता है। इससे त्वचा कोमल और स्वस्थ बनती है।
खून की कमी दूर.
कॉपर की जरुरत शरीर में कोशिका के बनने से लेकर लोह तत्व के अवशोषण तक बहुत से जरुरी कार्य में होती है। लोह तत्व का अवशोषण सही तरीके से नहीं होने पर खून की कमी हो सकती है। इस प्रकार कॉपर खून की कमी होने से बचाने मे सहायक होता है।
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