नौकरी एवं व्यवसाय के
योग.
(ज्योतिष)
1- जब दशम भाव अर्थात कर्म भाव का स्वामी ग्रह लग्न में हो तो जातक स्वतंत्र व्यापार करता है! लग्नेश एवं कर्मेश की युति किसी भी भाव में हो तो जातक स्वतंत्र धंधा करता है! यदि यह युति लग्न भाव या कर्म भाव में हो तो जातक स्वतंत्र उद्योग में प्रसिद्ध होता है!
2 - दशम भाव का स्वामी यदि द्वितीय भाव में हो तो जातक पैतृक व्यापार में अधिक उन्नति करता है!
3 - दशमेश यदि तृतीय भाव में है तो जातक लेखन,संपादन,पत्रकारिता का व्यापार करता है और प्रसिद्ध होता है!
4 - दशमेश यदि चतुर्थ भाव में हो तो जातक ट्रांसपोर्ट का धंधा करता है!
5 - यदि दसमेश पंचम भाव में हो कर किसी शुभ ग्रह से दृष्ट न हो तो जातक दलाली,सत्ता,लाटरी,शेयर बाज़ार तथा एजेंट का काम करता है!
6 - दशमेश छटे भाव में हो तो जातक न्यायालय,थाना,कचेहरी या जेल से सम्बंधित कार्य करने वाले होते हैं!
7 - दशमेश सप्तम भाव में हो तो जातक राजनैतिक कार्य सांझेदारी के कार्य या सहकारी उद्यम में काम करने वाले होते हैं!
8 - यदि दशमेश अष्टम भाव में हो तो जातक शिक्षा सम्बन्धी काम,कोचिंग विधालय तथा अन्य शिक्षण जगत से सम्बंधित धंधा करता है!
9 - यदि दशमेश नवम भाव में हो तो जातक अध्यात्मिक क्षेत्र में लोगो का पथ प्रदर्शक,पैतृक व्यवसाय करने वाला,उपदेशक, पुरोहित, धर्मगुरु अथवा अन्य समाज सुधारक कार्यों में लगा रहने वाला होता है!
10 - दशमेश यदि दशम भाव में हो तो जातक जो भी कार्य करता है, उसमें सफलता पाता है और शिखर तक पहुँच जाता है!
11 - दशमेश एकादश भाव में हो तो जातक बहुत प्रसिद्धी पाने वाला, अनेक लोगो को जीविका देने वाला तथा सम्मानित होता है!
12 - दसमेश यदि 12वे भाव में हो तो जातक विदेशों में काम करने वाला
होता है, कभी कभी तस्करी और निन्दनीय काम भी करता है!
13 - दशम भाव में अकेला बुध हो तो जातक व्यवसाय करता है!
14 - बुध व्यापार का कारक है जिस का दशमेश हो कर सप्तम भाव अथवा सप्तमेश हो कर दशम भाव में होने से जातक व्यापार करता है!
15 - बुध दशमेश हो कर एकादश भाव में हो या एकादशेश हो कर दशम भाव में हो तो जातक व्यापार द्वारा धन कमाता है!
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