मैत्रेयी.



मैत्रेयी.

मैत्रेयी वैदिक काल की  विदुषी एवं ब्रह्मवादिनी स्त्री थीं। वे 'मित्र' ऋषि की कन्या और महर्षि याज्ञवल्क्य की दूसरी पत्नी थीं। याज्ञवल्क्य की ज्येष्ठा पत्नी कात्यायनी अथवा कल्याणी, मैत्रेयी से बड़ी ईर्ष्या रखती थीं। कारण यह था कि अपने गुणों के कारण इसे पति का स्नेह अपेक्षाकृत  अधिक प्राप्त था और आध्यात्मिक विषयों पर याज्ञवल्क्य के साथ इनके अनेक संवादों का उल्लेख प्राप्त है। (बृह० उपनिषद : २-४-१-२; ४-५-१-१५)। पति के संन्यास लेने पर इन्होंने पति से अत्याधिक ज्ञान का भाग माँगा और अंत में आत्मज्ञान प्राप्त करने के अनंतर, अपनी सारी संपत्ति सौत को देकर, यह उनके साथ वन को चली गई। आश्वलायन गृह्यसूत्र के ब्रह्मयज्ञांगतर्पण में मैत्रेयी का नाम सुलभा के साथ आया है।

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