द्वादस ज्योतिर्लिंग.
बारह ज्योतिर्लिंगों के नाम शिव पुराण अनुसार।
(शतरुद्र संहिता, अध्याय ४२/२-४)
श्लोक..
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालमोंकारममलेश्वरम्॥1॥
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशंकरम्। सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥2॥
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे। हिमालये तु केदारं घृष्णेशं च शिवालये॥3॥
एतानि ज्योतिर्लिंगानि सायं प्रात: पठेन्नर:। सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति॥4॥
क्रम.
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ज्योतिर्लिंग
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राज्य
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स्थिति
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वर्णन
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१
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सोमनाथ
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गुजरात
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प्रभास पाटन,
सौराष्ट्र
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श्री सोमनाथ सौराष्ट्र, (गुजरात) के प्रभास क्षेत्र में विराजमान है। इस प्रसिद्ध मंदिर को
अतीत में छह बार ध्वस्त एवं निर्मित किया गया है। १०२२ ई में इसकी समृद्धि को
महमूद गजनवी के हमले से सार्वाधिक नुकसान पहुँचा था।
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२
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मल्लिकार्जुन
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आंध्र प्रदेश
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कुर्नूल
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आन्ध्र प्रदेश प्रांत
के कृष्णा जिले में कृष्णा
नदी के तटपर श्रीशैल पर्वत पर श्रीमल्लिकार्जुन विराजमान हैं। इसे दक्षिण का कैलाश कहते हैं।
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३
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महाकालेश्वर
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मध्य प्रदेश
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महाकाल,
उज्जैन
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श्री महाकालेश्वर (मध्यप्रदेश) के मालवा क्षेत्र में क्षिप्रा
नदी के तटपर पवित्र उज्जैन नगर में विराजमान है। उज्जैन को प्राचीनकाल में अवंतिकापुरी
कहते थे।
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४
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ॐकारेश्वर
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मध्य प्रदेश
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नर्मदा नदी के
एक द्वीप पर
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मालवा क्षेत्र में श्रीॐकारेश्वर स्थान नर्मदा
नदी के बीच स्थित द्वीप पर है। उज्जैन से खण्डवा जाने
वाली रेलवे लाइन पर मोरटक्का नामक स्टेशन है, वहां
से यह स्थान 10 मील दूर है। यहां ॐकारेश्वर और
मामलेश्वर दो पृथक-पृथक लिंग हैं, परन्तु
ये एक ही लिंग के दो स्वरूप हैं। श्रीॐकारेश्वर लिंग को स्वयंभू समझा जाता है।
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५
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केदारनाथ
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उत्तराखंड
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केदारनाथ
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श्री केदारनाथ हिमालय के
केदार नामक श्रृंगपर स्थित हैं। शिखर के पूर्व की ओर अलकनन्दा के तट
पर श्री बदरीनाथ अवस्थित हैं और पश्चिम में मन्दाकिनी के किनारे श्री केदारनाथ हैं। यह स्थान हरिद्वार से 150 मील और ऋषिकेश से 132 मील
दूर उत्तरांचल राज्य
में है।
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६
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भीमाशंकर
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महाराष्ट्र
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भीमाशंकर
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श्री भीमशंकर का
स्थान मुंबई से
पूर्व और पूना से
उत्तर भीमा नदी के
किनारे सह्याद्रि पर्वत पर है। यह स्थान नासिक से लगभग 120 मील
दूर है। सह्याद्रि पर्वत के एक शिखर का नाम डाकिनी है। शिवपुराण की एक कथा के
आधार पर भीमशंकर ज्योतिर्लिंग को असम के कामरूप जिले में गुवाहाटी के पास ब्रह्मपुर पहाड़ी पर
स्थित बतलाया जाता है। कुछ लोग मानते हैं कि नैनीताल जिले के काशीपुर नामक
स्थान में स्थित विशाल शिवमंदिर भीमशंकर का स्थान है।
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७
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काशी विश्वनाथ
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उत्तर प्रदेश
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वाराणसी
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वाराणसी (उत्तर
प्रदेश) स्थित काशी के श्रीविश्वनाथजी सबसे प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में एक हैं। गंगा तट
स्थित काशी विश्वनाथ शिवलिंग दर्शन हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र है।
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८
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त्रयम्बकेश्वर
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महाराष्ट्र
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त्रयम्बकेश्वर, निकट नासिक
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श्री त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र प्रांत
के नासिक जिले
में पंचवटी से 18 मील की
दूरी पर ब्रह्मगिरि के निकट गोदावरी के किनारे है। इस स्थान पर पवित्र गोदावरी नदी का उद्गम भी
है।
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९
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वैद्यनाथ
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महाराष्ट्रा
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बीड जिला
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महाराष्ट्र में
पासे परभनी नामक
जंक्शन है, वहां से परली तक एक
ब्रांच लाइन गयी है, इस
परली स्टेशन से थोड़ी दूर पर परली ग्राम के निकट श्रीवैद्यनाथ को भी
ज्योतिर्लिंग माना जाता है। परंपरा और पौराणिक कथाओं से परळी स्थित श्रीवैद्यनाथ
ज्योतिर्लिंग को ही प्रमाणिक मान्यता है।
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१०
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नागेश्वर
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गुजरात
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दारुकावन,
द्वारका
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श्रीनागेश्वर ज्योतिर्लिंग बड़ौदा क्षेत्रांतर्गत
गोमती द्वारका से ईशानकोण में बारह-तेरह मील की दूरी पर है। निजाम हैदराबाद
राज्य के अन्तर्गत औढ़ा ग्राम में स्थित शिवलिंग को ही कोई-कोई नागेश्वर ज्योतिर्लिंग मानते हैं। कुछ लोगों के मत से अल्मोड़ा से 17 मील उत्तर-पूर्व में यागेश (जागेश्वर) शिवलिंग ही नागेश
ज्योतिर्लिंग है।
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११
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रामेश्वर
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तमिल नाडु
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रामेश्वरम
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श्रीरामेश्वर तीर्थ तमिलनाडु प्रांत के रामनाड जिले में है। यहाँ लंका विजय के पश्चात भगवान श्रीराम ने
अपने अराध्यदेव शंकर की पूजा की थी। ज्योतिर्लिंग को श्रीरामेश्वर या श्रीरामलिंगेश्वर के नाम
से जाना जाता है।.
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१२
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घृष्णेश्वर
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महाराष्ट्र
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निकट एल्लोरा
जिला औरंगाबाद
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श्रीघुश्मेश्वर (गिरीश्नेश्वर) ज्योतिर्लिंग को घुसृणेश्वर या घृष्णेश्वर भी कहते हैं।
इनका स्थान महाराष्ट्र प्रांत में दौलताबाद स्टेशन से बारह मील दूर बेरूल गांव के पास है।
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