यह है खुद को
नियंत्रित करने
का सबसे आसान तरीका.
(सदगुरु जग्गी वासुदेव)
यदि जबरदस्ती किसी चीज को छोड़ना चाहें, तो यह किसी और रूप में उभर कर सामने आ जाएगी, और आपके भीतर कोई दूसरा विकार पैदा कर देगी। अगर आप किसी चीज को छोड़ने की कोशिश करेंगे, तो वह चीज पूरी तरह से आपके दिमाग व चेतना पर हावी होने लगेगी।
लेकिन उस चीज की तुलना में अगर आप कुछ ज्यादा महत्वपूर्ण चीज को पा लेते हैं, तो पुरानी चीज कम महत्व की बन जाती है। महत्व कम होने से वह खुद-ब-खुद आपसे छूटने लगती है। क्या आपने कभी गौर किया है कि जो लोग बौद्धिक कार्यों में ज्यादा डूबे रहते हैं, वे कोई किताब पढ़ना ज्यादा पसंद करते हैं।
आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव कहते हैं कि जब आप बच्चे थे, तब जिन चीजों से आप खेलते थे, जो चीजें आपके लिए बेशकीमती होतीं थीं वे बड़े होने पर आपसे छूट गईं, क्योंकि उम्र के साथ आपने जीवन में कुछ ऐसी चीजें पाईं, जिन्हें आप ज्यादा बड़ा समझने लगे। आज आपकी जानकारी में काम-सुख ही सबसे बड़ा सुख है।
अगर कोई कहता है कि ‘यह बुरी चीज है, इसे छोड़ दो।’ तो क्या वाकई आप इसे छोड़ पाएंगे? लेकिन अगर आप इससे भी बड़ी चीज का स्वाद चख लें, तब यह अपने आप आपसे छूट जाएगी।
फिर इसे छोड़ने के लिए आपसे किसी को कुछ कहना नहीं पड़ेगा। इसके लिए आपको अपने जीवन का थोड़ा समय ऐसी दिशा में लगाना होगा, जिससे कि एक बड़ा आनंद आपके जीवन का हिस्सा बन सके।
अगर लोग जीवन को वैसे ही देखें, जैसा कि यह वास्तव में है, तो अधिकतर लोग बहुत थोड़े समय में ही कामवासना से बाहर आ जाएंगे। बहुत से लोग इसमें पड़े बिना ही इससे बाहर आ जाएंगे।
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