माँ आनंदमूर्ति की मधुर वाणी से सुनिए यह भजन.
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अंग फड़कना . शकुन शास्ञों मे अगों के फङकने का महत्व बताया गया है और उनको शुभाशुभ घटनाओं का संकेत माना गया है। ऐ...
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“ क्षणभंगुर - जीवन की कलिका ” (कविता) यह रचना सन १९६० के आसपास की है| इसके लेखक हैं, श्री नाथूराम शास्त्री ‘नम्र’. बरेली। उन्होन...
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वैदिक ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक दिन का एक भाग राहु काल होता है। सूर्योंदय और सूर्यास्त के आधार पर अलग अलग स्थानों पर राहुकाल की अवधि में ...
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एक दिन जब श्रीराम अपने दरबार में बैठे थे, उसी समय यमुना तट निवासी कुछ ऋषि-महर्षि च्यवन ऋषि के साथ दरबार में पधारे। कुशल क्षेम के पश्च...
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(साकेत ...मैथिलीशरण गुप्त ) श्रीगणेशायनमः साकेत प्रथम सर्ग अयि दयामयि देवि, सुखदे, सारदे, इधर भी निज वरद-पाणि पसारदे। दास की यह देह...
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विष्णु सहस्त्रनाम - स्त्रोत्रम .. पाठ विधि सहित . श्री कपिल द्वारिका जी.. (इसके लेखक परम आदरणीय श्री कपिलजी महाराज , द्वारि...
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स्वस्ति वा चन मन्त्र. अर्थ सहित . हमारे देश की यह प्राचीन परंपरा रही है कि जब कभी भी हम कोई कार्य प्रारंभ करते है, तो उस समय मंगल की...
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सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात ब्रूयान्नब्रूयात् सत्यंप्रियम्। प्रियं च नानृतम् ब्रुयादेषः धर्मः सनातनः॥ आशय ...सत्य कहो किन्त...
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पशु पता स्त्र मंत्र और स्तोत्र. ब्रह्मांड में तीन अस्त्र सबसे बड़े हैं। पहला पशुपतास्त्र , दूसरा नारायणास्त्र एवं तीसरा ब्रह्मास्त...
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सुभाषित संस्कृत श्लोक -भाग-२ श्लोक- विद्या वित्तं शिल्पं तावन्नाप्नोति मानवः सम्यक्। यावद् ब्रजति न भूमौ देशाद्देशाँ...
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