कष्ट निवारण - उपाय.
हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं। कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या| ऐसी स्तिथि के लिए शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (पुर्णिमा के बाद की चतुर्थी) आती है। उस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी यथा साध्य पूजन अर्जन कर, दूर्बा चढ़ाएँ और प्रार्थना करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं, वे नष्ट हों।
*छः मंत्र इस प्रकार हैं..
1 .ॐ सुमुखाय नम:
(सुंदर मुख वाले; हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे।)
2. ॐ दुर्मुखाय नम:
(भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तो… भैरव देख दुष्ट घबराये।)
3. ॐ मोदाय नम:
(मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले। उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें।)
4. ॐ प्रमोदाय नम:
(प्रमोदाय; दूसरों को भी आनंदित करते हैं। भक्त भी प्रमोदी होता है और अभक्त प्रमादी होता है=आलसी। आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है,और जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है।)
5. ॐ अविघ्नाय नम:
6. ॐ विघ्नकरत्र्येय नम:
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