मायावी गिनतियां. (रोचक कथा) (जीशान जैदी) भाग-२


मायावी गिनतियां.  (रोचक कथा)
(जीशान जैदी)
भाग-२  
भाग-१ से लगातार...

मिसेज और मिस्टर वर्मा सनी के स्कूल में मौजूद थे। उनके सामने थी, प्रिंसिपल मिसेज भाटिया।

‘‘देखिए, मैं फिर आपसे कहती हूं कि हाईस्कूल लेवेल तक के बच्चों की छुट्टी ठीक दो बजे हो जाती है। उसके बाद किसी के यहां रुकने का सवाल ही नहीं पैदा होता। और आपके बच्चे सुनील कुमार को तो मैं अच्छी तरह जानती हूं। वो तो कभी लाईब्रेरी भी नहीं जाता।’’ प्रिंसिपल ने कहा।

‘‘फिर भी आप अगर स्टाफ से एक बार पूछ लें तो...। दो घण्टे हो रहे हैं। सनी अभी तक घर नहीं पहुंचा।’’ मि0 वर्मा बोले।

‘‘उसकी तो कहीं इधर उधर जाने की भी आदत नहीं है। स्कूल से सीधा घर ही आता है।’’

उसी समय वहां किसी काम से अग्रवाल सर ने प्रवेश किया। इन्हें बैठा देखकर, वह इनकी तरफ घूमे।

‘‘अच्छा हुआ आप लोग आ गये। आपका बच्चा सुनील कुमार गणित में बिल्कुल गोल है। अगर आपने उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया तो इस साल उसका पास होना मुश्किल है।’’

‘‘एक मिनट!’’ प्रिंसिपल ने उसे रोका, ‘‘मि0 और मिसेज वर्मा यहां इसलिए आये हैं, क्योंकि इनका लड़का दो घण्टे से घर नहीं पहुंचा।’’

‘‘ज़रूर वह किसी पार्क वगैरा की तरफ निकल गया होगा। आज मैंने उसे सजा दी थी। हो सकता है दिल बहलाने के लिए कहीं पिक्चर देखने निकल गया होगा।’’

‘‘आप ऐसा करें, ’’ प्रिंसिपल मि0 वर्मा की तरफ मुखातिब हुई, ‘‘थोड़ी देर और अपने लड़के का इंतिजार कर लें। हो सकता है अब तक वह घर पहुंच गया हो। अगर ऐसा नहीं होता है, तो हमें और पुलिस को इन्फार्म करें।’’

‘‘ठीक है।’’ दोनों ठंडी सांस लेकर उठ खड़े हुए। उनके चेहरे पर परेशानी की लकीरें और गहरी हो गयी थीं।

सम्राट के पपोटों में हरकत पैदा हुई और फिर धीरे धीरे उसने आँखें खोल दीं। उसके आसपास मौजूद सहयोगियों के चेहरे खिल उठे।

‘‘आप कैसा महसूस कर रहे हैं सम्राट?’’ डोव उसकी तरफ झुका।

‘‘मैं तो ठीक हूँ। लेकिन मुझे हुआ क्या था?’’

‘‘सम्राट! हमारे अंतरिक्ष यान में हुई दुर्घटना में आपका शरीर पूरी तरह नष्ट हो गया था। इसलिए हमने आपका दिमाग एक मानव के शरीर में फिट कर दिया है।’’

‘‘क्या?’’ चौंक पड़ा सम्राट।

‘‘क्या हमसे कोई गलती हो गयी सम्राट?’’ डरते डरते पूछा रोमियो ने।

थोडी़ देर चुप रहने के बाद सम्राट बोला, ‘‘तुम लोगों ने बिल्कुल ठीक किया। इस शरीर में शायद मैं अपने मकसद में जल्दी कामयाब हो जाऊँ। वह मकसद, जिसके लिए हम इस पृथ्वी पर आये हैं।’’

‘‘अब आगे के लिए क्या प्लान है सम्राट?’’ रोमियो ने पूछा।

‘‘फिलहाल जिस बच्चे का शरीर तुम लोगों ने मुझे दिया है, उसके घरवालों से मैं मिलूंगा। और कोशिश करूंगा, उनमें घुलमिल कर रहने की। अगर मैं अपनी पहचान छुपाने में कामयाब रहा, तो हम यहां बहुत कुछ कर सकते हैं।’’

क्रमश:

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